आज के इस article में हम बात करेंगे कंप्यूटर वायरस क्या है कंप्यूटर वायरस का नाम बहुत सुना होगा आपने खबरा में नेशनल न्यूज़ में जरूर सुनाई होगा कंप्यूटर वायरस के बारे में अब सवाल यह कंप्यूटर वायरस क्या है ? आज इसके बारे में जानकारी आपको मिलने वाली है
कंप्यूटर वायरस क्या है ?
कंप्यूटर वायरस यानी कि, जिसका उपयोग कंप्यूटर में उपस्थित सूचनाओं को नष्ट करने के लिए , कंप्यूटर को बंद करने के लिए सूचनाओं को एक जगह से दूसरे का आदान प्रदान करने के लिए कंप्यूटर वायरस उपयोग किया जा सकता है आपके कंप्यूटर में बहुत सारे सॉफ्टवेयर होते हैं.
सॉफ्टवेयर बनते कैसे हैं ?
Programming के द्वारा तो हर एक सॉफ्टवेयर का एक specification work होता है जैसे , आपके कंप्यूटर में यदि Microsoft word पड़ा हुआ तो उसके अंदर आप letter वगैरा type कर सकते हैं और उसे print कर सकते हैं यदि PowerPoint slide बना सकते हैं, MS Excel है , तो उसके अंदर आप का काम कर सकते हैं वैसे आपकी कंप्यूटर में एक clock होगी , clock टाइम बताती रहेगी.
ऐसे में कुछ program ऐसे होते हैं जिन्हें आप जब ऑपरेट करते हैं चालू करते हैं तभी वह program चलते हैं जैसे कंप्यूटर में घड़ी होती है वह तभी चलती है मतलब 24 घंटे चलती रहती हो तो ऑपरेट करने की जरूरत नहीं है
हम ऐसे ही कुछ प्रोग्राम होते हैं जो आपको कंप्यूटर में यदि बाय डिफ़ॉल्ट आ जाते हैं उन्हें चालू करने की जरूरत नहीं रहती है उनकी प्रोग्रामिंग हीं ऐसी होती है कि वह आटोमेटिक एक्टिव हो जाते हैं और आपके कंप्यूटर में अपना घर बना लेते हैं आपकी घड़ी होती है उसके अंदर प्रोग्रामिंग केवल इतनी है कि वह आपको सामने समय बताती रहेगी ऐसे ही जो प्रोग्राम होते हैं उनके अंदर कुछ अलग होती है होती है clock सामने समय बताती रहेगी ऐसी जो प्रोग्राम होते हैं.
कंप्यूटर वायरस उनके अंदर कुछ अलग तरह की प्रोग्रामिंग होती है जिसके अंदर गुप्त सूचनाएं होती है कि कंप्यूटर का डाटा लॉक कर देना है , कंप्यूटर की फाइल को डिलीट कर देना है कंप्यूटर की स्पीड को कम कर देना है. नेटवर्क के द्वारा किसी दूसरी कंपनी किसी दूसरे व्यक्ति के पास डाटा शेयर करना है यह सारे काम कंप्यूटर वायरस करता है.
कंप्यूटर वायरस बनाता कौन है ?
आपको भी ऐसा सवाल होगा कंप्यूटर वायरस बनाता कौन है? और कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर तक पहुंचते कैसे हैं अब तो बहुत सारे ऐसे खुराफाती लोग होते हैं जो कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग के बारे में बहुत अच्छी तरीके से इंफॉर्मेशन रखते हैं और ऐसे में उगाही करने के लिए या फिर ऐसे ही अराजकता फैलाने के लिए वह कंप्यूटर के वायरस बनाते हैं और उसे कह सकते हैं कि नेटवर्क में छोड़ देते हैं जिससे बहुत सारे कंप्यूटर इससे प्रभावित हो जाते हैं
वायरस कंप्यूटर तक पहुंचते कैसे हैं ?
तो कंप्यूटर तक पहुंचते हैं नेटवर्क द्वारा जैसे इंटरनेट यह एक प्रकार का नेटवर्क है , जब भी कंप्यूटर नेटवर्कवजह से हम इंटरनेट पर इस्तेमाल करते हैं तब इंटरनेट पर कई सारे ऐसे वायरस , लिंक या फिर , फोल्डर के स्वरूप हमारा कंप्यूटर में सेव हो जाते हैं.
मान लीजिए आपके कंप्यूटर में वायरस है जब भी आप अपने कंप्यूटर में पेनड्राइव का इस्तेमाल करते हो और वही पहन रहे आप दूसरे कंप्यूटर में इस्तेमाल करते हो तो पेनड्राइव के माध्यम से कंप्यूटर वायरस एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में transfer होते रहते हैं.
कुछ ऐसे वायरस है जो काफी प्रसिद्ध है और इन वायरस का नाम नीचे दिए गए लिस्ट के मुताबिक है.यहां दिए गए लिस्ट में कुछ ऐसे वायरस है जिसे आईडेंटिफाई आज तक किया जा सकता है और कुछ प्रमुख कंप्यूटर वायरस में ,
- Klez
- ILOVEYOU
- WannaCry
- Zeus
- Code Red
- Slammer
- CryptoLocker
- Sasser
यही प्रमुख कंप्यूटर वायरस है जिन्हें आईडेंटिफाई किया गया है पर चिंता की बात नहीं है यह सब वायरस को हम अपने कंप्यूटर में से आसानी से निकाल सकते हैं. लेकिन यह सब वायरस काफी खतरनाक है और काफी ज्यादा कंप्यूटर को इन्होंने नुकसान पहुंचाया है.
इनके एंटीवायरस बनाए जा चुके हैं यदि भारत की बात करें तो भारत में पहला जो कंप्यूटर वायरस था जो c brain कि मद्रास 1988 में देखा गया था . उसके बाद एंटीवायरस सिवारा ऐसे कंट्रोल किया गया भारत में बेंगलुरु में बहुत सारी कंपनी है जो कि इस तरह के antivirus बनाने का काम करती है और कंप्यूटर वायरस कभी भी ऐसी समस्या है तो इन्हीं कंपनियों के पास जाना पड़ता है इनके बनाए एंटीवायरस यूज करते हैं
एंटी वायरस किस तरीके से काम करते हैं?
ऐसी कोई भी प्रोग्राम या फिर कह सकते हैं प्रोग्राम जो कंप्यूटर के अंदर है लेकिन अननोन है कि कोई भी अजीब वायरस आपके कंप्यूटर के अंदर आएगा तो बता कर तो आएगा नहीं भाई मैं आ रहा हूं और आपका कंप्यूटर हैक करने वाला हूं या आपके इंफॉर्मेशन को डिलीट करने वाला हूं बैक डोर
एंटीवायरस होते हैं ऐसे बैक डोर से ऊपर नजर रखते हैं जहां से इस तरीके के प्रोग्रामिंग वायरस आ सकते हैं और ऐसी कोई चीज देखते हैं तो डिलीट मार देते हैं.
तो कई बार ऐसा भी होता है कि जब आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस पड़ा हुआ है और आपकी कोई इंपॉर्टेंट फाइल आपके कंप्यूटर में सेव है unknown folder उसके अंतर्गत चली जाती है कि यह वायरस है उसको भी उड़ा देते हैं ऐसा होता है हमेशा कुछ फ्री के एंटीवायरस के साथ मैं ऐसा होता है.
कंप्यूटर वायरस को रोकने का तरीका
- एंटीवायरस और antispyware सॉफ्टवेर इंस्टॉल करें और इसे up to date रखें।
- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के रोज़ स्कैन करें।
- ईमेल के माध्यम से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक न करें।
- Hardware-based Firewall इंस्टॉल करें।
- अपने नेटवर्क को सुरक्षित करें।
- क्लिक करने से पहले सोचें।
- Open Wi-Fi का उपयोग न करें।
- अपनी फाइलों का बैक अप रखें ।
- Strong Passwords का उपयोग करें।
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